Hindenburg Report on SEBI Chief: माधव पूरी और अदनी के बीच क्या कनेक्शन है

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हिन्डनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन, माधबी पुरी बुक और उनके पति धवल बुक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हिन्डनबर्ग ने दावा किया है कि माधबी बुक और उनके पति के पास अदानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़े ऑफशोर कंपनियों में निवेश था। विशेष रूप से

Hindenburg Report on SEBI Chief

हिन्डनबर्ग का आरोप है कि धवल बुक ने माधबी की SEBI में नियुक्ति से पहले अपने निवेशों को अपने नाम पर स्थानांतरित कर दिया था, जिससे उनकी नियामक भूमिका के संभावित प्रभाव से बचा जा सके।

हिन्डनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया है कि इन निवेशों का इस्तेमाल अदानी समूह के फंडों को छिपाने और पैसे को विदेशों में स्थानांतरित करने के लिए किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के पास इन ऑफशोर फंडों से जुड़े लेन-देन के बारे में जानकारी होने के बावजूद, उन्होंने अदानी समूह के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की। रिपोर्ट ने SEBI की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं और इसकी जांच की मांग की है।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने SEBI की जांच में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि SEBI ने 2018 में विदेशी फंडों की असली मालिकाना हक की रिपोर्टिंग की आवश्यकताओं को कमजोर कर दिया था और 2019 में पूरी तरह से हटा दिया। रमेश ने यह भी कहा कि यह SEBI की कार्यक्षमता को सीमित करता है और इससे अदानी समूह की जांच प्रभावित हुई है। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मांग की है।

टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इन आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “अदानी शैली में, SEBI चेयरपर्सन भी अदानी समूह में निवेशक हैं।” मोइत्रा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से पैसे के दुरुपयोग की जांच की मांग की है और इस पूरे मामले को ‘क्रोनी कैपिटलिज़्म’ का उदाहरण बताया है।

हिन्डनबर्ग की रिपोर्ट से पहले भी, अदानी समूह के शेयरों में जनवरी 2023 में भारी गिरावट आई थी, जिसके कारण समूह को 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था। हालांकि, अब अदानी समूह की मार्केट कैप पहले के स्तर से भी ऊपर पहुंच चुकी है। इस नई रिपोर्ट ने भारतीय राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में नई हलचल पैदा कर दी है और यह SEBI की भूमिका और प्रभावशीलता को भी चुनौती दे रही है। यह देखना होगा कि इस नए खुलासे के बाद किस प्रकार की प्रतिक्रियाएं और कार्रवाई होती हैं और क्या इससे भारतीय बाजारों की विश्वसनीयता पर कोई प्रभाव पड़ता है।

नया हिन्डनबर्ग रिपोर्ट क्या कहती है?

अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर कंपनी हिन्डनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को आरोप लगाया कि SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुक और उनके पति धवल बुक ने अदानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़े ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी रखी थी। रिपोर्ट में “व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़” का हवाला देते हुए कहा गया है कि ये संस्थाएँ एक ऐसे नेटवर्क का हिस्सा थीं जिसका उपयोग विनोद अदानी, गौतम अदानी के बड़े भाई, ने “पैसे को चुराने” के लिए किया।

 

हिन्डनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट ने अदानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट को जन्म दिया, लेकिन अब समूह की मार्केट कैप पूर्व-हिन्डनबर्ग स्तर से भी ऊपर

हिन्डनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट ने अदानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट को जन्म दिया था, जिससे समूह को $100 बिलियन से अधिक का नुकसान हुआ था। हालांकि, इसके बाद से अदानी समूह के शेयरों ने फिर से सुधार दिखाया है और वर्तमान में समूह की मार्केट कैप पहले के स्तर से भी अधिक हो गई है।

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