NVIDIA CEO Jensen Huang ने PM मोदी को ‘Incredible Student’ कहा, AI Partnership पर चर्चा

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NVIDIA CEO Jensen Huang ने पीएम मोदी के साथ AI पर चर्चा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष तकनीकी CEOs के बीच हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण गोल मेज़ चर्चा ने भारत के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नई संभावनाएँ खोल दी हैं। इस बैठक में Nvidia के CEO जेनसेन हुआंग ने मोदी के तकनीकी ज्ञान और AI के प्रति उनके उत्साह की सराहना की। हुआंग, जो AI हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं, ने मोदी की दृष्टि की प्रशंसा की, जिसमें भारत के भविष्य में AI का एकीकृत करना शामिल है।

मोदी की तकनीकी समझ और उत्साह

हुआंग ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री के साथ कई बैठकें की हैं। वह एक अद्भुत छात्र हैं। हर बार जब मैं उन्हें देखता हूं, वह तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भारत के लिए इसके संभावित लाभों के बारे में जानने के लिए उत्सुक होते हैं।” यह उनके ज्ञान की प्यास और नई तकनीकों को समझने की इच्छा को दर्शाता है, जो भारतीय समाज और उद्योग पर प्रभाव डालने की उनकी इच्छा से जुड़ा है।

AI का सामाजिक और आर्थिक लाभ

हुआंग ने पीएम मोदी के AI के लाभों को समझने में रुचि को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह केवल आर्थिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि समाज को बेहतर बनाने के तरीकों से भी महत्वपूर्ण है। यह मोदी की उस व्यापक दृष्टि के साथ मेल खाता है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में AI का उपयोग किया जा सकता है।

हुआंग ने बताया कि AI न केवल एक तकनीकी उपकरण है, बल्कि यह एक संभावित परिवर्तनकारी शक्ति है, जो भारत को वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूत बना सकती है। उन्होंने कहा, “यह एक नई औद्योगिक क्रांति है। AI को एक नई निर्माण उद्योग के रूप में देखा जाना चाहिए।”

भारत का तकनीकी महत्व

हुआंग ने भारत की तकनीकी क्षमता की सराहना की, विशेषकर इस तथ्य के कारण कि भारत विश्व के कुछ बेहतरीन कंप्यूटर वैज्ञानिकों का घर है। उन्होंने इसे भारत की AI नवाचार में एक वैश्विक नेता बनने की संभावनाओं का एक बड़ा लाभ बताया। “भारत के पास अनगिनत प्रतिभाएँ हैं। यह एक बड़ा अवसर है,” हुआंग ने कहा।

भारत में AI के विकास के लिए ज़रूरी है कि तकनीकी कंपनियाँ और सरकार एक साथ मिलकर काम करें। हुआंग ने इस दिशा में मजबूत साझेदारियों की आवश्यकता पर जोर दिया। “यदि भारत AI में अपनी क्षमताओं का अधिकतम लाभ उठाना चाहता है, तो उसे जल्द ही कार्रवाई करनी होगी।”

वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

न्यूयॉर्क में आयोजित गोल मेज़ चर्चा में, हुई बैठक में कई प्रमुख टेक कंपनियों के CEOs शामिल थे, जिनमें Google, Adobe, IBM, और AMD शामिल थे। इस बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई, जैसे AI, सेमीकंडक्टर्स और क्वांटम कंप्यूटिंग। यह वैश्विक तकनीकी समुदाय के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।

 

हुआंग ने Nvidia के भारत के साथ साझेदारी को गहरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं भारत के साथ एक गहरी साझेदारी के लिए तत्पर हूँ, जिससे हम AI के क्षेत्र में और अधिक नवाचार कर सकें।” यह Nvidia की योजनाओं को दर्शाता है, जो भारत की AI यात्रा में एक प्रमुख भूमिका निभाने की इच्छा रखती है।

भारत का डिजिटल भविष्य

भारत की डिजिटल अवसंरचना और प्रतिभा पूल को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों के चलते, Nvidia की भूमिका नवाचार को बढ़ावा देने और AI में नए अवसरों को सृजित करने में महत्वपूर्ण हो सकती है। जैसे-जैसे AI वैश्विक उद्योगों में अधिक एकीकृत होता जा रहा है, भारत की स्थिति और अधिक मजबूत होती जा रही है।

हुआंग के अनुसार, “यह भारत का पल है। आपको इस अवसर का लाभ उठाना होगा।” भारत की तकनीकी वृद्धि और वैश्विक मंच पर इसकी स्थिति को देखते हुए, यह समय सही दिशा में आगे बढ़ने का है।

 

हुआंग की टिप्पणियाँ न केवल भारत के लिए AI में अवसरों को उजागर करती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि कैसे भारत अपनी तकनीकी क्षमताओं का उपयोग कर एक मजबूत भविष्य की ओर बढ़ सकता है। पीएम मोदी के नेतृत्व में, भारत AI को अपने विकास के केंद्र में रखकर नई ऊँचाइयों को छू सकता है। यह गोल मेज़ चर्चा दर्शाती है कि वैश्विक टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भारत की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है, और यह किस प्रकार देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में सहायक हो सकती है।

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